साहित्य तमिल साहित्य में कंबन ने रामायण, पुगालिंदी ने नलबेंबा, ज्ञानगोंदुर ने कल्लादानर की रचना की। जयागोंदान कुलोत्तुंग प्रथम के राजकवि थे। इनकी रचना कलिंगन्तुपणीं थी। सेक्कीललार कुलोत्तुंग प्रथम के दरबार में रहता था। उसने पेरीयापुराणम की रचना की। वेंकट माधव ने परांतक प्रथम के संरक्षण में ऋग्र्थदीपिका की रचना की। चोल शासक वीर राजेन्द्र को भी महान् तमिल विद्वान् बताया गया है।

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